Woh Na Hoga To Kya Kami Hogi
Chandan Dass
6:26शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो बेख़ुदी बढ़ती चली है राज़ की बातें करो शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो ये सुकूत-ए-नाज़ ये दिल की रगों का टूटना ये सुकूत-ए-नाज़ ये दिल की रगों का टूटना ख़ामोशी में कुछ शिकस्त-ए-साज़ की बातें करो शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो कुछ क़फ़स की तीलियों से छन रहा है नूर सा कुछ क़फ़स की तीलियों से छन रहा है नूर सा कुछ फ़ज़ा, कुछ हसरत-ए-परवाज़ की बातें करो शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो नकहत-ए-ज़ुल्फ़-ए-परीशाँ दास्तान-ए-शाम-ए-ग़म नकहत-ए-ज़ुल्फ़-ए-परीशाँ दास्तान-ए-शाम-ए-ग़म सुबह होने तक इसी अंदाज़ की बातें करो शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो बेख़ुदी बढ़ती चली है राज़ की बातें करो शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो