Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Pratiksha Vashishtha
4:35श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद सुन्दरं कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद सुन्दरं पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नोमि जनक सुतावरं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं रघुनन्द आनन्द कन्द कोशलचन्द दशरथ नन्दनं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं आजानु भुज शर चाप धरसंग्राम जित खरदूषणं इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं मम् हृदय कंज निवास कुरुकामादि खलदल गंजनं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम