Jee Le Zaraa
Vishal Dadlani
3:36हलका-हलका सा गुमाँ है, जाने क्या मुझे हुआ है हर नज़र दर-ब-दर अजनबी हमको भी यही गिला है, जो भी आज-कल मिला है हर क़दम दम-ब-दम अजनबी इस तरफ़ जो है उदासी इस तरफ़ भी है ज़रा सी दिल की राहों के दो अजनबी अनजाना कहने को ही था मेरा था वो, जो भी था अनजानी है, मगर नहीं के तू है यहीं कहीं व्हो व्हो व्हो व्हो ओ ओ ओ जब से जाना के अब चाहना है फिर कभी भी तुझे चाहतों से किनारा कर लिया जब से सोचा के अब ना सोचेंगे फिर कभी भी तुम्हें दिल ने कोई बहाना कर दिया हो, मेरे-तुम्हारे दरमियाँ में जो बातें हुई नही हैं कभी दुआ में, कभी ज़ुबाँ में, क्यूँ तुमने कही नहीं हैं? कहने को तो क्या नहीं है, दर पे हर खुशी खड़ी है फिर भी क्यूँ लग रही है कमी? अनजाना कहने को ही था मेरा था वो, जो भी था अनजानी है, मगर नहीं के तू है यहीं कहीं ऐ मेरे खुदा, दूर कहीं क्या हो रही है सुबह? मिल गई मुझे, मिल गई तुझे वहाँ जीने की फिर वजह तू जो कह दो तो मंज़िलें मिल जाएँ यूँ आज फिर हमें तेरे-मेरे ये रास्ते लग जाएँ यूँ आज फिर गले मिल भी तू तेरे सिरहाने, दौड़ती हूँ उस किनारे है जहाँ पे मेरा अब जहाँ अनजाना कहने को ही था मेरा था वो, जो भी था अनजानी है, मगर नहीं के तू है यहीं कहीं अनजाना कहने को ही था मेरा था वो, जो भी था अनजानी है, मगर नहीं के तू है यहीं कहीं