Darwaze Pe Tere Baraat
Abhijeet Bhattacharya
6:39आ आ आ आ आ आ आ आ आ मेने तो ये समजा था बहेना हसी खुशी है तू आ आ आ आ आ ये कैसी आग थी जिसमे जलकर राख हुई है तू आ आ आ आ आ तू ने आँसू भी पीकर अपना दर्द छुपाया है अपनी जूठी खुशियो से मेरा गम बहेलाया है वफ़ा की महोबबत की मूरत थी तू तेरा धर्म सेवा था औरत थी तू क्या दिन वो भी था जब तू बनी थी दुल्हन