Maula
Ali Azmat
5:09यह जिस्म है तो क्या ये रूह का लिबास है यह दर्द है तो क्या ये इश्क़ की तलाश है फ़ना किया मुझे ये चाहने की आस ने तरा तरा शिकस्त ही हुआ रज़ा है क्या तेरी दिल-ओ-जहाँ तबाह किया सज़ा भी क्या तेरी वफ़ा को बेवफा किया वा रे ज़िंदगी से यूँ मुझे जुदा किया कहाँ कहाँ फिरू मैं ढूंढता रज़ा है क्या तेरी दिल-ओ-जहाँ तबाह किया सज़ा भी क्या तेरी वफ़ा को बेवफा किया वा रे ज़िंदगी से यूँ मुझे जुदा किया कहाँ कहाँ फिरू मैं ढूंढता वहाँ जहाँ तूही मेरा लिबास है वहाँ जहाँ तेरी ही बस तलाश है वहाँ जहाँ तुझी पे ख़तम आस है वहीं शुरू वहीं पे दफ़न जान है वहाँ जहाँ तूही मेरा लिबास है वहाँ जहाँ तेरी ही बस तलाश है वहाँ जहाँ तुझी पे ख़तम आस है वहीं शुरू वहीं पे दफ़न जान है यह जिस्म है तो क्या ये रूह का लिबास है यह दर्द है तो क्या ये इश्क़ की तलाश है फ़ना किया मुझे ये चाहने की आस ने तरा तरा शिकस्त ही हुआ