Khilte Hai Gul Yahaan

Khilte Hai Gul Yahaan

Abhijeet

Длительность: 4:18
Год: 1994
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Текст песни

खिलते हैं गुल यहाँ, खिल के बिखर ने को
मिलते हैं दिल यहाँ, मिल के बिछड़ ने को

कल रहे ना रहे, मौसम ये प्यार का
कल रुके ना रुके, डोला बहार का
चार पल मिले जो आज प्यार में गुजार दो

झीलों के होठोंपर मेघों का राग हैं
फूलों के सीने में ठंडी ठंडी आग हैं
दिल के आईने में ये तू समा उतार ले

प्यासा हैं दिल सनम प्यासी ये रात हैं
होठों में दबी दबी कोई मीठी बात हैं
इन लम्हों पे आज तू हर खुशी निसार दे