Haseen
Talwiinder
2:55तेरा मेरा अफ़साना, पूरा होया ना जाना पल पल जीना मुहाल मेरा तेरे बिना ये सारे नशे बेकार तेरी आँखों के सिवा घर नहीं जाता मैं बाहर रहता तेरा इंतजार मेरे ख्वाबों में आ ना करके सोलह सिंगार मैं अब क्यों होश में आता नहीं सुकून ये दिल क्यों पता नहीं क्यों तोड़ूं खुद से जो थे वादे जाए अब ये इश्क़ निभाना नहीं मैं मोड़ूं तुझसे जो ये चेहरा दुबारा नज़र मिलाना नहीं ये दुनिया जाने मेरा दर्द तुझे ये नज़र क्यों आता नहीं सोनिये यूँ तेरा शरमाना मेरी जान न ले ले कान के पीछे ज़ुल्फ़ छुपाना मेरी जान क्या कहने ज़ालिमा, तौबा तेरा नखरा इसके वार क्या कहने थाम के बैठे दिल को घायल कहीं हार न बैठे तेरी नज़रें मुझसे क्या कहती हैं इनमें वफ़ा बैठी है थोड़ी-थोड़ी सी राज़ी थोड़ी सी ख़फ़ा रहती हैं लोग हैं ज़ालिम बड़े इनमें जफ़ा देखी है ये दुनिया तेरी नहीं मैंने तुझमें हया देखी है जीना मुहाल मेरा तेरे बिना ये सारे नशे बेकार तेरी आँखों के सिवा घर नहीं जाता मैं बाहर रहता तेरा इंतजार मेरे ख्वाबों में आ ना करके सोलह सिंगार तेरा मेरा अफ़साना, पूरा होया ना जाना हुवां बंद कमरे विच् कल्ला फिर वी दिसदा ऐ परछावां सारे पुछ्दे ने मैनूं क्यों मैं गल्लां नईं करदा किन्ने सोहणे ने चेहरे इथे दिल क्यों नईं ऐ भरदा जे ना दीदार होया ओहणा चिर दिन नईयो चढ़दा दिल करे दिलदारियां बिना गल्लां सारेयां ना लडड़ा जिवें रंग मिलदे ने ओहदा ही आपां मिल जाना जिवें फूल खिलदे ने ओहदा ही दोना खिल जाना जिवें रंग मिलदे ने ओहदा ही आपां मिल जाना जिवें फूल खिलदे ने ओहदा ही दोना खिल जाना तेरा मेरा अफ़साना पल पल जीना मुहाल पूरा होया ना जाना सारे नशे बेकार हुवां बंद कमरे विच् कल्ला घर नहीं जाता, मैं बाहर किन्ने सोहणे ने चेहरे इथे कर के सोलह सिंगार