Shree Ram Chandra
Agam Aggarwal
4:13सिया-राम, सिया-राम, सिया-राम, राम सिया-राम, सिया-राम, सिया-राम, राम, राम सीता-राम जी की प्यारी रजधाणी लागे, रजधाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे सीता-राम जी की प्यारी रजधाणी लागे, रजधाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे धन्य कौशल्या, धन्य कैकई धन्य सुमित्रा मैया, धन्य सुमित्रा मैया धन्य भूप दशरथ के आँगन, खेले चारो भैया मीठी तोतली रसीली, प्रभु की वाणी लागे, प्रभु की वाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे जन्मभूमि हनुमान गढ़ी की शोभा है अति सुंदर शोभा है अति सुंदर स्वयं जगत के मालिक बैठे, कनक भवन के अंदर मीठी रस से रसीली ये कहानी लागे, ये कहानी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे सीता-राम जी की प्यारी रजधाणी लागे, रजधाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे मोहे, मिठु-मिठु सरयु जी रो पाणी लागे सिया-राम, सिया-राम, सिया-राम, राम सिया-राम, सिया-राम, सिया-राम, राम, राम सिया-राम, सिया-राम, सिया-राम, राम सिया-राम, सिया-राम, सिया-राम, राम, राम