Kaho Na Kaho (From "Murder")
Amir Jamal
5:12आ हा हा आ आ हा.हा शाम है धुंआ धुंआ शाम है धुंआ धुंआ ओ शाम है धुंआ धुंआ जिस्म का रुवाँ रुवाँ उलझी उलझी साँसों से बहकी बहकी धड़कन से कह रहा है आरज़ू की दास्ताँ ओ शाम है धुंआ धुंआ शाम है धुंआ धुंआ आरजू झूट है कहानी है आरजू का फरेब खाना नहीं खुश जो रहना हो जिन्दगी में तुम्हे दिल किसी से कभी लगाना नहीं मेरे दिल पे जो लिखा है वो तुम्हारा नाम है मेरी हर नजर में जाना तुमको सलाम है मुझको तुमसे प्यार है मुझको तुमसे प्यार है मुझको तुमसे प्यार है प्यार है..प्यार है गूंजते है मेरे प्यार से ये जमीन आसमान हो शाम है धुंआ धुंआ हाय शाम है धुंआ धुंआ क्यूँ बनाती हो तुम रेत के ये महल जिनको एक रोज खुद ही मिटाओगी तुम आज कहती हो इस दिलजले से प्यार है तुम्हे कल मेरा नाम तक भूल जाओगी तुम तुम्हे क्यूँ यकीन नहीं है के मैं प्यार में हूँ गुम वो मेरे ख्वाबों में तुम्ही हो मेरे दिल में तुम ही तुम मुझको तुमसे प्यार है मुझको तुमसे प्यार है मुझको तुमसे प्यार है हाँ प्यार है..हम्म प्यार है.. प्यार में निसार हो गए मेरे जिस्म और जान शाम है धुंआ धुंआ जिस्म का रुवान रुवान उलझी उलझी साँसों से बहकी बहकी धड़कन से कह रहा है आरज़ू की दास्ताँ शाम है धुंआ धुंआ शाम है धुंआ धुंआ एक पल में जो आकर गुजर जाता है ये हवा का वह झोंका है और कुछ नही प्यार कहती है ये सारी दुनिया जिसे एक रंगीन धोका है और कुछ नही