Maine Payal Hai Chhankai
Falguni Pathak
4:40कोई रोक सके तो रोक ले मैं नाचती छन—छन, छन—छन—छन पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे कोई रोक सके तो रोक ले मैं नाचती छन—छन, छन—छन—छन पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे मुश्किल से मैंने ये दिन निकाले मुश्किल से मैंने ये दिन निकाले चल तेज़ चल तू, ओ गाड़ी वाले मन में लगी है ऐसी लगन ऐसी लगन, हाए, ऐसी लगन होके मैं बड़ी बेक़रार चली रे होके मैं बड़ी बेक़रार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे हो जाऊँगी मैं जल—जल के मिट्टी मैंने पिया को लिख दी है चिट्ठी मैंने पिया को लिख दी है चिट्ठी तू ना आ, तू ना आ, मैं आ रही हूँ सजन, सजन, सजन कर—कर के मैं इंतज़ार चली रे कर—कर के मैं इंतज़ार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे (ये सोना, ये चाँदी, ये हीरे, ये मोती) ओ, सैयाँ बिना, सैयाँ बिना सब कुछ है नाम का नाम का, नाम का (नाम का, नाम का) ये मेरा जोबन, जोबन, जोबन ये मेरा जोबन किस काम का (किस काम का) घूँघट में जले कब तक बिरहन (बिरहन, बिरहन, बिरहन) मैं सर से चुनरी उतार चली रे मैं सर से चुनरी उतार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे कोई रोक सके तो रोक ले मैं नाचती छन—छन, छन—छन—छन पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे