Aazaadiyan - Pairon Ki Bediyan
Amit Trivedi | Neuman Pinto | Nikhil D'Souza | Amitabh Bhattacharya
5:38यह बानगूर जैसी दुनिया रे दुनिया रे दुनिया यह फसाए उररती मुनिया रे मुनिया रे मुनिया जो छूने चली खुला आसमान कहीं बुझ ना जाए ना जाए ना जाए बेचारी दास्तान (दास्तान दास्तान) जो छूने चली खुला आसमान कही बुझ ना जाए ना जाए ना जाए बेचारी दास्तान मौला रे साईयाँ, सुन ले दुहाईयाँ मौला रे साईयाँ, सुन ले दुहाईयाँ सुन ले दुहाईयाँ फिरती थी हवाओं में, पर लगते थे पाओं में (आ आ) ज़िंदगी बंद पिंजरों में क्यूँ आज रहती है (आ आ) नींदों के संदूकों में कभी सोने के सपने थे आज पीतल के टुकड़ों को मोहताज रहती है यह बानगूर जैसी दुनिया रे दुनिया रे दुनिया यह फसाए उररती मुनिया रे मुनिया रे मुनिया जो छूने चली खुला आसमा कहीं बुझ ना जाए ना जाए ना जाए बेचारी दास्तान जो छ्छूने चली खुला आसमा कहीं बुझ ना जाए ना जाए ना जाए बेचारी दास्तान मौला रे साईयाँ, सुन ले दुहाईयाँ मौला रे साईयाँ, सुन ले दुहाईयाँ सुन ले दोाईयाँ दुहाईयाँ… दुहाईयाँ ओ मौला ए ए