Iktara
Amit Trivedi
4:14Amit Trivedi | Neuman Pinto | Nikhil D'Souza | Amitabh Bhattacharya
पैरों की बेड़ियाँ ख्वाबों को बाँधे नही रे, कभी नही रे मिट्टी की परतों को ननने से अंकुर भी छीने, धीरे धीरे इरादे हरे हरे जिनके सीनो में घर करे वो दिल की सुने करे ना डरे, ना डरे आ हा हा हा हा सुबह की किरनो को रोकें जो सलाखें है कहाँ जो ख़यालों पे पेहरे डाले वो आँखें है कहाँ पर खुलने की देरी है परिंदे उड़ के झूमेंगे आसमान आसमान आसमान सुबह की किरानो को रोकें जो सलाखें है कहाँ जो ख़यालों पे पेहरे डाले वो आँखें है कहाँ पर खुलने की देरी है परिंदे उड़ के झूमेंगे आसमान आसमान आसमान आज़ादिया, आज़ादिया आज़ादिया आगे ना कभी, मिले मिले मिले(आज़ादिया) आज़ादिया, आज़ादिया(आज़ादिया) जो छीने वही, जी ले जी ले जी ले(आज़ादिया) सुबह की किरनो को रोकें जो सलाखें है कहाँ जो ख़यालों पे पेहरे डाले वो आँखें है कहाँ पर खुलने की देरी है परिंदे उड़ के झूमेंगे आसमान आसमान आसमान सुबह की किरनो को रोकें जो सलाखें है कहाँ जो ख़यालों पे पेहरे डाले वो आँखें है कहाँ पर खुलने की देरी है परिंदे उड़ के झूमेंगे आसमान आसमान आसमान कहानी ख़तम है, या शुरूवात होने को है, होने को है सुबह नयी है, ये या फिर रात होने को है, होने के है कहानी ख़तम है, या शुरूवात होने के है, होने के है सुबह नयी है ये या फिर रात होने को है (होने के है) आने वाला वक़्त देगा पनाहे है(पनाहे है) या फिर से मिलेंगे दो राहें(दो राहें) खबर है क्या, क्या पता