Afreen
Anmol A
2:47हम तुम टूटे से कमरों में हम तुम रूठे से लम्हों में ग़म यूँ पलकों हुई क्यों हैं नम? हम थे पिया, तुम नहीं हो न मेरे बाहों में लेकर कहे, "तुम न मेरे" टुकड़े हैं दिल के न जाते समेटे रूठे पिया तुम, कहाँ पर हो रूठे? हुई क्या ख़ता हमसे जा मिले तुमसे जो मिले कम थे, क्या हसीन पल थे हुई क्या ख़ता हमसे जा मिले तुमसे जो मिले कम थे, क्या हसीन पल थे मेरी जान तेरी आँखों की परछाइयाँ कैसे बारिश की बूंदों में, हाँ मेरी जान कैसे फ़रमाइशों को बयान कर दूँ मैं तुमको, मुझे ये बता हम थे पिया, तुम नहीं हो न मेरे बाहों में लेकर कहे, "तुम न मेरे" टुकड़े हैं दिल के न जाते समेटे रूठे पिया तुम, कहाँ पर हो रूठे? हुई क्या ख़ता हमसे जा मिले तुमसे जो मिले कम थे, क्या हसीन पल थे हुई क्या ख़ता हमसे जा मिले तुमसे जो मिले कम थे, क्या हसीन पल थे ओ