Khwaab (Reprise)
Anumita Nadesan
3:23खुले खुले रास्तों से मैं भाग के आई हूँ यूँ हूँ यूँ मिले जुले धागों को क्या मैं बाँधने आई हूँ हूँ यूँ मन कहे आहिस्ता क़दमों से चलूँ दिल कहे आहिस्ता, लगे सर्दियों सा क्यूँ ऐसा क्यूँ ख़्यालों के इस सफ़र में अधूरी हैं बातें क्यूँ पूरी करूँ या न करूँ मैं यही सोचती रहूँ ऐसा क्यूँ मौसम का इरादा, शाम जल्दी ढलने लगी बारिश गिरने को भी गानी आहें भी सुनने लगी मेरी कि मन कहे आहिस्ता क़दमों से चलूँ दिल कहे आहिस्ता, लगे सर्दियों सा क्यूँ ऐसा क्यूँ मन कहे आहिस्ता क़दमों से चलूँ दिल कहे आहिस्ता, लगे सर्दियों सा क्यूँ ऐसा क्यूँ खुले खुले रास्तों से मैं भाग के आई हूँ यूँ मिले जुले धागों को क्या मैं बाँधने आई हूँ यूँ ऐसा क्यूँ