Dhak Dhak Karne Laga
Anuradha Paudwal
5:21कोयल सी तेरी बोली कु कू कू कू कू सूरत हैं कितनी भोली कू कू कू कू कू कोयल सी तेरी बोली कु कू कू कू कू सूरत हैं कितनी भोली कू कू कू कू कू नैन तेरे कजरारे होंठ तेरे अंगारे तुझे देख के दिल मेरा खोने लगा बातों में तेरी सरगम छन छन छन छन छन मन को लुभाए प्रीतम छन छन छन छन छन रंग तेरा रंगीला तू हैं छैल छबीला तुझे देख के कुछ मुझे होने लगा यौवन की तू मलिका खिल के तेरा बदन महके आऊं जो पास तेरे साँसों का चमन महके ओह यौवन की तू मलिका खिल के तेरा बदन महके ओ आउ जो पास तेरे साँसों का चमन महके अंगों से तेरे रस बरसे तेरे लिए जीवन तरसे मेरे होश लिए जाते हैं कंवारे तेरे कंगना तूने मुझे बेचैन किया तूने भी तो मेरा चैन लिया बातों में तेरी सरगम छन छन छन छन छन मन को लुभाए प्रीतम छन छन छन छन छन रंग तेरा रंगीला तू हैं छैल छबीला तुझे देख के कुछ मुझे होने लगा ला ला ला ला ला ला ला ला ला ओहो लाला लाला लाला लाला तूने मेरे तन को छुआ मन में हुई कोई हलचल दिल मेरा डोल गया ऐसे उड़ा तेरा आँचल ओ तूने मेरे तन को छुआ मन में हुई कोई हलचल दिल मेरा डोल गया ऐसे उड़ा तेरा आँचल प्रीत के रंग रंगाऊं चुनर नाम तेरे लिख दी है उमर बनके मैं आऊंगी दुल्हन तेरे अंगना तेरे मिलन की प्यास जगी कैसे कहूँ क्या आग लगी कोयल सी तेरी बोली कु कू कू कू कू सूरत है कितनी भोली कू कू कू कू कू नैन तेरे कजरारे होंठ तेरे अंगारे तुझे देख के दिल मेरा खोने लगा बातों में तेरी सरगम छन छन छन छन छन मन को लुभाए प्रीतम छन छन छन छन छन रंग तेरा रंगीला तू हैं छैल छबीला तुझे देख के कुछ मुझे होने लगा