Soch Na Sake
Arijit Singh
4:42झूठा जग रैन बसेरा सांचा दर्द मेरा मृग तृष्णा सा मोह पिया नाता मेरा तेरा नैना जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ नैना जो मिलके रात जागते थे नैना शहर में पलकें मीचते हैं यूँ जुदा हुए कदम जिन्होने ली थी यह कसम मिलके चलेंगे हरदम अब बाँटते हैं ये गम भीगे नैना जो खिड़कियों से झाँकते थे नैना घुटन में बंद हो गये हैं यूँ साँस हैरान है मन परेशान है हो रहीं सी क्यूँ रुआंसा ये मेरी जान है क्यूँ निराशा से हैं आस हारी हुई क्यूँ सवालों का उठा सा दिल में तूफान हैं नैना थे आसमान के सितारे नैना ग्रहण में आज टूटते हैं यून नैना कभी जो धूप सेंकते तहे नैना ठहर के छाऔ ढूँढते हैं यून जुदा हुए कदम जिन्होने ली थी ये कसम मिलके चलेंगे हरदम अब बाँटते हैं ये गम भीगे नैना जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ