Shehar Tere (From "Gustaakh Ishq")
Vishal Bhardwaj, Jazim Sharma, Himani Kapoor, And Gulzar
5:34मैले हो ना जाएँ पाँव चलते रहना छाँव-छाँव छोड़ो भी ये शहर पुराना चल, चलते हैं धूप के गाँव मैले हो ना जाएँ पाँव चलते रहना छाँव-छाँव छोड़ो भी ये शहर पुराना चल चलते हैं धूप के गाँव (धूप के गाँव) सुनिए, आप इस धूप में कितनी अच्छी लगती हैं (अच्छी लगती हैं) आप इस धूप में कितनी अच्छी लगती हैं (अच्छी लगती हैं) और कुछ देर ज़रा यूँ ही बैठे रहिए सुनिए, आप इस धूप में कितनी अच्छी लगती हैं (अच्छी लगती हैं) अच्छी लगती हैं आप नाराज़ हों तो और हसीं लगती हैं आप जो भी हों, ज़मीं की तो नहीं लगती हैं झूठी-मूठी रूठ के कितनी सच्ची लगती हैं (सच्ची लगती हैं) और कुछ देर ज़रा यूँ ही रूठे रहिए सुनिए, आप इस धूप में कितनी अच्छी लगती हैं मैले हो ना जाएँ पाँव चलते रहना छाँव-छाँव छोड़ो भी ये शहर पुराना चल चलते हैं धूप के गाँव (धूप के गाँव) जहाँ बैठे वहाँ धूप बिछा लीजिएगा पाँव से छाँव ज़रा खिसका दीजिएगा सुनिए, आप इस धूप में कितनी अच्छी लगती हैं (अच्छी लगती हैं) और कुछ देर ज़रा यूँ ही बैठे रहिए सुनिए