Jab Tak
Armaan Malik
2:55आँखों के पन्नों पे मैंने लिखा था सौ दफ़ा लफ़्ज़ों में जो इश्क़ था हुआ ना होठों से बयां खुद से नाराज़ हूँ क्यों बेआवाज़ हूँ मेरी खामोशियाँ हैं सज़ा दिल है ये सोचता फिर भी नहीं पता किस हक़ से कहूँ बता के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा हा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा हाये मैं हूँ हीरो हीरो तेरा हाये राहों में भी हर कदम मैं तेरे साथ चला हाथों में थे ये हाथ मगर फिर भी रहा फासला सीने में है छुपे एहसास प्यार के बिन कहे तू सुन ले ज़रा दिल है ये सोचता फिर भी नहीं पता किस हक़ से कहु बता के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा तेरी वज़ह से है मिली जीने की सब ख्वाहिशें पा लूँ तेरे दिल में जगह है ये मेरी कोशिशें मैं बस तेरा बनूँ बिन तेरे ना रहूँ मैंने तो माँगी है ये दुआ दिल है ये सोचता फिर भी नहीं पता किस हक़ कहूँ बता के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा हा के मैं हूँ हीरो तेरा के मैं हूँ हीरो तेरा हा