Khudaya Khair
Akriti Kakkar
4:41कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ? कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ? दिल में मेरे आज क्या है जो बोलो तो जानूँ, गुरु तुमको मानूँ चलो ये भी वादा है हाँ, कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ? दिल में मेरे आज क्या है जो बोलो तो जानूँ, गुरु तुमको मानूँ चलो ये भी वादा है सोचा है तुमने कि चलते ही जाएँ तारों से आगे कोई दुनिया बसाएँ सोचा है ये कि तुम्हें रस्ता भुलाएँ सूनी जगह पे कहीं छेड़ें-डराएँ अरे, ना-ना, हाय रे, ना-ना, ये ना कहना अरे, नहीं रे, नहीं रे, नहीं रे, नहीं रे नहीं रे, नहीं रे, नहीं रे, नहीं-नहीं कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ? दिल में मेरे आज क्या है जो बोलो तो जानूँ, गुरु तुमको मानूँ चलो ये भी वादा है सोचा है तुमने कि कुछ गुनगुनाएँ मस्ती में झूमें, ज़रा धूमें मचाएँ सोचा है ये कि तुम्हें नज़दीक लाएँ फूलों से होंठों की लाली चुराएँ अरे, ना-ना, हाय रे, ना-ना, ये ना कहना अरे, नहीं रे, नहीं रे, नहीं रे, नहीं रे नहीं रे, नहीं रे, नहीं रे, नहीं-नहीं कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ? दिल में मेरे आज क्या है जो बोलो तो जानूँ, गुरु तुमको मानूँ चलो ये भी वादा है जो बोलो तो जानूँ, गुरु तुमको मानूँ चलो ये भी वादा है जो बोलो तो जानूँ, गुरु तुमको मानूँ चलो ये भी वादा है