Re Chhauri Parnaam Ba Tora Dhori Ke
Antra Singh Priyanka
3:31काहे तू पिकवा के निचे नइखू आवत दूरहि से बाड़ू तू मन पनियावत काहे तू पिकवा के निचे नइखू आवत दूरहि से बाड़ू तू मन पनियावत लागेलु मुहे से खोजता उहे सारा छवारिक चिलाई रे आर्केट्रा वाली कहता सबसे अइसन एक दिन आई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के दिलवा से दिलवा कवनो मिलाई दिलवा के लफड़ा ना रही रे सौसे शरीरिया रही उघारे लइका सो कपड़ा ना रही रे होता अफ़सोस जोश के मारे हउ वाला बैदा होती ये जुग में काहेला जनमले ओहि जुग में पैदा होती ई खोली ओकर या ऊ खोली ओकर गुची में गोली पिलाई रे आर्केट्रा वाली कहता सबसे अइसन एक दिन आई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के काम धाम छोड़ी के नचनिया अगोर के ओकरे से सटल दिन भर रही खाना पिना के टेंशन ना रही ओकरे पर सब कोई निर्भर रही प्रेमी अवधेश एके नितीश जोश बढे अनुराग के रातो दिनवा ओहि में लागल रहतानी जाग के आव हेने दाबी मन भर चाभी तोर दुनो दूध पिलाई रे आर्केट्रा वाली कहता सबसे अइसन एक दिन आई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के काहे तू पिकवा के निचे नइखू आवत दूरहि से बाड़ू तू मन पनियावत लागेलु मुहे से खोजता उहे सारा छवारिक चिलाई रे आर्केट्रा वाली कहता सबसे अइसन एक दिन आई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के लइका सब हाथे हिलाई रे हमनी देखईब ढोढ़ी उघार के