Rahi Baithal Kera Ke Tham Pa

Rahi Baithal Kera Ke Tham Pa

Awadhesh Premi Yadav

Длительность: 3:32
Год: 2022
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Текст песни

केरा के थम प केरा के थम प
DJ विकाश
केरा के थम प

सइयाँ अंगुरी दाते लगले काटे
हम ऊपर से लगनी जे जाते
(जाते, जाते)

सइयाँ अंगुरी दाते लगले काटे
हम ऊपर से लगनी जे जाते

बात रात के बात, रहे कुछो ना बुझात
काबू भईल ना जवानी गरम प

बइठल रही केरा के थम प बलम के
बइठल रही केरा के थम प
बइठल रही केरा के थम प बलम के
बइठल रही केरा के थम प

केरा के थम प केरा के थम प

ऊ लगले जे हाँफे, त कह देहनि साफे
कि आगी जवानी के लहक गइल बा
आवहो इधर, का कुछऊ त करो
ई मनवा, ए राजा, बहक गइल बा

ऊ लगले जे हाँफे, त कह देहनि साफे
कि आगी जवानी के लहक गइल बा
आवहो इधर, का कुछऊ त करो
ई मनवा, ए राजा, बहक गइल बा

कहनी दोनों हाथ तेरा दोनों बम प
लागल नाहीं सरम, काम करनी कुकरम
कहनी दोनों हाथ तेरा दोनों बम प
बइठल रही केरा के थम प बलम के
बइठल रही केरा के थम प
बइठल रही केरा के थम प बलम के
बइठल रही केरा के थम प

केरा के थम प  केरा के थम प

केवारी के पीछे, पसर गइनी नीचे
हम रहनी, ए सखी, रात nighty में हो
पानी-पानी भेनी, छुआ त नी देनी
मजा लेनी गजबे variety में हो

केवारी के पीछे, पसर गइनी नीचे
हम रहनी, ए सखी, रात nighty में हो
पानी-पानी भेनी, छुआ त नी देनी
मजा लेनी गजबे variety में हो

लेते रहले ऊ हल्का में हमें
जाते खलका में रुक गइले दमे
लागल ठेहुना से ठेस
अनुराग हो दहिया नरम प
बइठल रही केरा के थम प बलम के
बइठल रही केरा के थम प
बइठल रही केरा के थम प बलम के
बइठल रही केरा के थम प