Dekha Ek Khwab

Dekha Ek Khwab

Babul Supriyo & Sadhana Sargam

Длительность: 5:15
Год: 2024
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Текст песни

हो हो हो हो हो होआ आ आ आ आ हो हो हो हो हो हो आ आ आ आ

हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए

ये ग़िला है आप की निगाहों में
फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए

देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए

मेरी साँसों में बसी ख़ुशबू तेरी
ये तेरे प्यार की है जादुगरी
आ हा आ आ आ
तेरी आवाज़ है हवाओं में
प्यार का रँग है फ़िज़ाओं में
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ के शर्म से हैं लब सिले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए

मेरा दिल है तेरी पनाहों में
आ छुपा लूँ मैं तुझे बाहों में
तेरी तस्वीर है निगाहों में
दूर तक रोशनी है राहों में
कल अगर न रोशनी के काफ़िले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
ये ग़िला है आप की निगाहों में
फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
आ आ आ आ हो हो हो हो आ आ आ