Teri Mand Mand Muskan Pe
Devendra Pathak
7:42यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है जहाँ गिध निषाद का आदर है जहाँ व्यार्ध आजनील मिल्का घर है जहाँ गिध निषाद का आदर है जहाँ व्यार्ध आजनील का घर है वही भेष बदल के उस घर में वही भेष बदल के उस घर में हम जा ठहरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है जिस अंग की शोभा सुहावनी है जिस श्यामली रंग में मोहनी है जिस अंग की शोभा सुहावनी है जिस श्यामली रंग में मोहनी है उस रूप शुद्धा से स्नेहीयो की उस रूप शुद्धा से स्नेहीयो की दिर्घ प्याल भरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है हम द्वार पे आप के आके खड़े मुद्दत से इसी जिद्ध पर है अड़े हम द्वार पे आप के आके खड़े मुद्दत से इसी जिद्ध पर है अड़े अब सिन्धु तरे जो बड़े से बड़े अब सिन्धु तरे जो बड़े से बड़े देवेन्द्र भी तरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरंेगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुखः हारी हरी दुखिया जन की दुखः कलेश हरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दया निधि है