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Dikshant - Muskan | Скачать MP3 бесплатно
Muskan

Muskan

Dikshant

Альбом: Muskan
Длительность: 3:19
Год: 2024
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Текст песни

अनजानी सी राहो पे तुम
अपने से बनके मिले
मंजिल से भटका मै गुम था कहीं
राहों पे ले तुम चलें
दूर थे क्‍यों हम इतने
पास तो आओ ना
रोके है मैने कब से जज़्बात भी
मुझको गले से लगाओ ना
खोनी है नीदें तुम्‍हारी बाहों मे ही
करनी है लम्‍बी बातें खाली राहों में ही
समझ तो लेते हो हर बात को
समझ लेना जब कहूँगा ख़ामोशी में ही
तुम आए हो तो
मुस्‍कान भी आयी है
तुम आए हो तो
मुस्‍कान भी आयी है

आँखों को समझाना भी है
तुम्‍हे शहर तुम्‍हारे जाना भी है
पर करना इंतजार जाना मेरा तुम बस
तुम्‍हारे उस शहर में मुझको
तो आना भी है
फिर मिलके गिनेंगे वो तारे
और चाँद के वो सारे नज़ारे
देख अगर, तारा टूटा अगर तो है ना वादा
कहता रहूँगा ये हाँ मैं
खोनी है नीदें तुम्‍हारी बाँहों में ही
करनी है लम्‍बी बातें खाली राहों में ही
समझ तो लेते हो हर बात को
समझ लेना जब कहूँगा ख़ामोशी में ही
तुम आए हो तो
मुस्‍कान भी आयी है
तुम आए हो तो
वो बात भी आयी है