Wishlist (Feat. Kaprila)
Dino James
3:34ये दुनिया की एक सबसे बड़े loser की है दास्तान उसको था वरदान, फटी रहेगी गाँड़ और हमेशा रहेगा वो परेशान Struggle और कंगाली में ही निकलेगा उसका सारा जीवन और कोई नहीं है बद-नसीब, भाई साहब, मैं ही हूँ वो महान हमेशा हिम्मत थी लाचार और हौसले थे मेरे बीमार Failure के सागर में ख़ाली पड़ा था उम्मीदों का बिछाया जाल डरता था यार, कहानी का साला निकलेगा, दिया नहीं कोई साथ ये मेरे सारे pain ओर sacrifices हो जाएँगे यूँ बेकार कोई function में जाता नहीं था क्यूँकि ढंग के कपड़े नहीं थे और झूठ बोलता था दोस्तों से कि समझ, काम में फँसा हुआ हूँ ना बे Day by day अकेले काटने को दौड़ता था ये शहर Bombay और कितनी ज़ोर चीखूँ कि आपको मेरी आवाज़ सुनाई दे? ललचाता था अपनी basic ज़रूरतों की चीज़ों को देख-देख चाय पे जी रहा था जब दोस्त खा रहे थे cake stakes और protein shakes जैसा-तैसे phone को चला रहा था, लगा-लगा के cello tapes चिल्लरों की आवाज़ से ही हमेशा बजती रहती थी मेरी जेब सब देते हैं प्रवचन क्यूँकि उनकी life चल रही है टना-टन लेकिन जब हालत हो जाए तंग, सारे रास्ते हो जाए बंद शक्ल का उड़ा हुआ हो रंग और उदास रहता हो मन तब झंड समझ में आता है कोई भजन और motivation फिर काहे का व्यवाहर और कौन, साले, यार-रिश्तेदार वो बात करते भी हैं सँभल कर, कहीं ये वापस माँग ना ले उधार अब तो ठान लिया था, कितना भी समय मुझे कर दे लाचार इस war में तो at least नहीं डालने वाला हूँ मैं अपने हथियार धुँधली थी राहें और अंजाना था सफ़र क़िस्मत का क्यूँ बरसा मुझपे ऐसा क़हर? बेजाँ थी ज़िंदगी और ख़ुदा था बे-ख़बर ज़िंदगी से हारा हूँ, मैं हूँ ऐसा loser किसी की भी शक्ल पे नहीं लिखा रहता है उनका सच इसलिए आँखें मीच कर मत करना किसी को भी यूँ ही judge हो सकता है, इसीलिए खो रहा है वो बार-बार अपना धीरज क्यूँकि शायद अनाज लेने के पैसे भी नहीं कर पा रहा बेचारा ख़र्च काम मिलने की चर्चा को अब एक हो गया था अरसा ये वो बादल थे जो गरजा पर कभी नहीं था, साला, बरसा माँ को एक छोटी सी ख़ुशख़बरी सुनाने सालों मैं था तरसा फ़िर झूठ बोल दिया करता था, अब बहनचोद मरता क्या ना करता फिर अकेला हुआ तो पता लगा, मेरा हिम्मत ही मेरा असली साथी है और इस लड़ाई को लड़ने के लिए मेरा ख़ुद का साथ ही मेरे लिए काफ़ी है एक आवाज़ बोलती थी, "ख़तम नहीं हुआ बे, picture अभी बाक़ी है हर कुत्ते का दिन आता है साले, फ़िर तो तू एक छोटा हाथी है" धुँधली थी राहें और अंजाना था सफ़र क़िस्मत का क्यूँ बरसा मुझपे ऐसा क़हर? बेजाँ थी ज़िंदगी और ख़ुदा था बे-ख़बर ज़िंदगी से हारा हूँ, मैं हूँ ऐसा loser चीखने को मन करता था, कोई साला मेरी हालत भी तो देखो कुत्ते जैसे हालतों में रहा हूँ, ना जाने कितने महीनों ढंग से खाया भी नहीं था कितने दिनों से मैंने, you know? लेकिन एक बार किसी की मुँह से ये नहीं निकला कि तेरे को कुछ चाहिए, Dino? (साले) क्यूँकि असलियत ये है, कोई भी नहीं चाहता कि तुम्हारा भला हो जाए कहने को सब साथ हैं, पर अकेले लड़नी है, मेरे भाई, तेरे को लड़ाई पर देखना, सब आ जाएँगे हिस्सा माँगने जब फसल की होगी कटाई ये ज़रूरी नहीं किसी चूतिए की राय बन जाए अब तेरी सच्चाई मैं जानता हूँ, कैसे घुट-घुट के झेली है मैंने ये सज़ा पर दिल कहता था, "राजा, बहुत जल्द आने वाला है एक number मज़ा" सब बिख़रा हुआ था पर विश्वास था, मैं fail नहीं हो सकता क्यूँकि घर पे भूखी-प्यासी धरने पे बैठी है मेरी माँ ख़ुद से जंग हार के जाएगा तू किधर? तुझको लाना पड़ेगा लड़ने का जिगर होंगे सच सपने, बस थोड़ा और कर सबर तुझे भी जीतना है, सुन ले तू loser