Kashmir Main Tu Kanyakumari
Vishal-Shekhar
5:08बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे पेयरों में तेरे घुंघरू की बिजुरिया छन छन छन छन छनकटी रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जो होना है आज हो जाए अरे घुंघरू चाहे टूट ही जाए आंधी आई, तूफान आई या अंबर झुक जाए हो अरे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे ये माना गजब की है तेरी जवानी संभल हो न जाए कहीं पानी पानी ये माना गजब की है तेरी जवानी संभल हो न जाए कहीं पानी पानी क्यों भरता है आ रहा है लाडा ले निगाहें मैं ऐसी नदिया हूं जो सागर की प्यास बुझाये बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे पेयरों में तेरे घुंघरू की बिजुरिया छन छन छन छन छनकटी रे नशीली नशीली हैं तेरी अदाएं जो देखे वो अपनी डागर भूल जाये नशीली नशीली हैं तेरी अदाएं जो देखे वो अपनी डागर भूल जाये मुझे आज छू कर बना ले मुकद्दर जो मेरी आंखें में डूबे पार वही लग जाए अरे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे पेयरों में तेरे घुंघरू की बिजुरिया छन छन छन छन छनकटी रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे अरे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे जाति रे बन ठन चली बोलो ऐ जाति रे