Ehsaas
Faheem Abdullah
3:53ए याद, तू यूँ ना याद आ जा, थोड़ी देर के बाद आ वो थी तो मेरी ज़िंदगी मैं भी तो उसका था लाडला अब क्या कहूँ कि मैं रोज़-ओ-शब यादों में उसकी हूँ काटता यहीं तो था मेरा हमनफ़स कहाँ गया, मुझे क्या पता मैंने ग़लतियों को सुधार कर मैंने हर गली में पुकार कर सोचा कि वो मिल जाएगा मिला तो कितना नाराज़ पर दवा-ए-दिल को ढूंढ़ने जा रहा हूँ मैं दर-ब-दर तेरे इश्क़ ने है क्या किया हूँ ख़्वार, ख़ुद को सँवार कर हूँ ख़्वार, ख़ुद को सँवार कर हूँ ख़्वार, ख़ुद को सँवार कर ए याद, तू यूँ ना याद आ जा, थोड़ी देर के बाद आ ए याद, तू यूँ ना याद आ जा, थोड़ी देर के बाद आ हम्म