Ishq (From "Lost;Found")
Faheem Abdullah
3:49नया-नया एहसास है, तू जो मुझको मिला है नई-नई मुलाक़ातों का मुझपे है ख़ुमार अब दिल है शाद कि ख़तम होने को है ये इंतज़ार अब तुझे मिलने को होने लगा था दिल बेक़रार अब क्यूँ था मुझसे ख़फ़ा? क्या थी मेरी ख़ता? Whoa था क्यूँ मुझसे जुदा? अब है मुझसे जुड़ा जो तू है वही, दिल ने जिसे अपना कहा था मैं हूँ यहाँ, तू है कहाँ? तेरी नज़रों का दिल पे हुआ है असर तू मेरा महबूब है, जानाँ तेरी उल्फ़त में जीता हर-पल तू एक तोहफ़ा है ख़ुदा का तेरी बातों में आराम है या तेरी आवाज़ में? क्या जन्नत दुनिया के पार है या तेरी आँखों में? तेरी नींदों का एहसान है, हम ख़्वाबों में साथ हैं जाग के भी अब ख़ुमार है, हम बादलों के पार हैं तेरी नज़रों का दिल पे हुआ है असर तू मेरा महबूब है, जानाँ तेरी उल्फ़त में जीता हर-पल तू एक तोहफ़ा है ख़ुदा का तुझे पा के जवाब मिला है असल तू है वो सवाल ख़ुदा का तू मिला है, ये मेरी दुआ का असर तू मुझसे दूर ना जाना तेरी नज़रों का दिल पे हुआ है असर तू मेरा महबूब है, जानाँ तेरी उल्फ़त में जीता हर-पल तू एक तोहफ़ा है ख़ुदा का