Saajna - Remix
Falak Shabbir
5:09तुझसे ही तो मिली है राहत(तुझसे ही) तू ही तो मेरी है चाहत(तुझसे ही) तुझसे ही तो जुडी ज़िन्दगी(ज़िन्दगी) तेरी यादें हैं कुछ अधूरी(कुछ अधूरी) सांस आधि है कुछ है पूरी(सांस आधि है कुछ है पूरी) आँखों में है कैसी ये नमी मेरा मन(मेरा मन) कहने लगा पास आके न तू दूर जा छूने दे होंठ तेरे ज़रा साँसों में अपनी बसा(बसा) आ आ आ आ आ आ तुझे अपना बना लूं तुझे तुझ से चुरा लूँ (तुझ से चुरा लूँ) तुझे खुद में छुपा लूँ साहिबा (छुपा लूँ साहिबा) इक मुझ पे करम हो तू ही मेरा सनम हो (सनम हो) तेरी मुझ पे नज़र हो साहिबा मर मैं जाऊँगा रेह न पाऊँ ग़म जुदाई का सेह न पाऊँ है तुझे प्यार का वास्ता तेरी यादें है कुछ अधूरी सांस आधि है कुछ है पूरी आँखों में है कैसी ये नमी रात के चाँद तले आगोश में मेरी तू आ बाहों में ले लो मुझे ज़रा सपनो में अपने बसा आ आ आ आ आ आ मेरा मन कहने लगा पास आके न तू दूर जा छूने दे होंठ तेरे ज़रा साँसों में अपनी बसा