Shiv Vaani
Gajendra Pratap Singh
3:09सौ-सौ सावन बरस गए मोहे शिव से मिलन की आस हर प्राणी में शिव दिखे जब बुझ गई मन की प्यास ओ भोले बुझ गई मन की प्यास सुख-दुख चलते साथ हैं क्यों होता है उदास मन में रख विश्वास तू बंदे शिव है तेरे पास ओ भोले बन जा शिव का दास दुख में सुमिरन सब करे सुख में करे ना कोई जो सुख में सुमिरन करे तो दुख काहे होय ओ भोले तो दुख काहे होय तीन लोक के स्वामी शिव हैं देते सबका साथ वे जिसको आशीष दे ना हो कभी अनाथ ओ भोला ना हो कभी अनाथ ध्यान मग्न रहते सदा पर्वत पर है वास सबकी भोलेनाथ जी पूरी करते आस ओ भोले पूरी करते आस पूरी करते आस