Tera Hi Rahun
Gajendra Verma
5:15सारी रात आहें भरता, पल-पल यादों में मरता माने ना मेरी मन मेरा सूनी-सूनी शाम, सूने सवेरे, बहते हैं आँसू मेरे जाने कुछ भी ना मन मेरा कभी तेरा था जो, अब बेगाना है वो दीवाना, दीवाना समझे ना हो, कभी खोया रहे, कभी रोया फिर करे कभी टूटे हुए सपने संजोया फिर करे कोई मुझसे उलझे ना, कोई मुझसे जीते ना दिन-रैना ऐसे कर दिए, बिताए बीते ना रे, मन मेरा, माने ना मन मेरा रग-रग वो समाया मेरे, मुझको, ख़ुदाया मेरे उस से मिला या दे मिटा करूँ फ़रियाद, पुकारूँ तुझको, या तो दे दिलबर मुझको दिल या सीने से दे हटा मुझे सारी उमर अब सताना है वो दीवाना, दीवाना समझे ना हो, कभी खोया रहे, कभी रोया फिर करे कभी टूटे हुए सपने संजोया फिर करे कोई मुझसे उलझे ना, कोई मुझसे जीते ना दिन-रैना ऐसे कर दिए, बिताए बीते ना रे, मन मेरा, माने ना मन मेरा ऐसा भी क्या है दिल का लगाना ऐसी भी क्या, रे, मोहब्बत आँखें मिला के ये मैंने जाना रोने से मिलती नहीं फ़ुर्सत कभी चुप-चुप रहे, कभी ज़िद पे आ जाए बस एक तरीक़ा ढूँढें, जिससे तुझको भा जाएँ कभी तुझ बिन जी लूँगा, कभी मर जाऊँगा मैं ख़ुद से सौ बातें करता, हाँ, ये ख़ुद को भरमाए रे, मन मेरा, माने ना मन मेरा