Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji
Geeta Dutt & Mohammad Rafi
3:40ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ तेरे चरणों की धुल मिल जाए तेरे चरणों की धुल मिल जाए तो मैं तर जाऊँ शाम तर जाऊ हे राम तर जाऊ मोह मन मोहे लोभ ललचाये मोह मन मोहे लोभ ललचाये कैसे कैसे ये नाग लहराये कैसे कैसे ये नाग लहराये इससे पहले की मन उधर जाए मैं तो मर जाऊं यु तो मर जाऊ ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ आ आ आ लाये क्या थे जो लेके जाना है लाये क्या थे जो लेके जाना है नेक दिल ही तेरा खज़ाना है नेक दिल ही तेरा खज़ाना है सांझ होते ही पंछी आ जाए अब तो घर जाऊं अपने घर जाऊं तेरे चरणों की धुल मिल जाए तो मैं तर जाऊँ शाम तर जाऊ हे राम तर जाऊ आ आ आ आ आ आ थम गया पानी जम गयी काई थम गया पानी जम गयी काई बहती नदिया ही साफ़ कहलायी बहती नदिया ही साफ़ कहलायी मेरे दिल ने ही जाल फैलाए अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं