Na Main Dhan Chahun

Na Main Dhan Chahun

Geeta Dutt, Sudha Malhotra

Альбом: Kala Bazar
Длительность: 4:00
Год: 1960
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Текст песни

ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ
ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ
तेरे चरणों की धुल मिल जाए
तेरे चरणों की धुल मिल जाए
तो मैं तर जाऊँ शाम तर जाऊ
हे राम तर जाऊ

मोह मन मोहे लोभ ललचाये
मोह मन मोहे लोभ ललचाये
कैसे कैसे ये नाग लहराये
कैसे कैसे ये नाग लहराये
इससे पहले की मन उधर जाए
मैं तो मर जाऊं यु तो मर जाऊ
ना मैं धन चाहूँ ना रतन चाहूँ

आ आ आ
लाये क्या थे जो लेके जाना है
लाये क्या थे जो लेके जाना है
नेक दिल ही तेरा खज़ाना है
नेक दिल ही तेरा खज़ाना है
सांझ होते ही पंछी आ जाए
अब तो घर जाऊं अपने घर जाऊं
तेरे चरणों की धुल मिल जाए
तो मैं तर जाऊँ शाम तर जाऊ
हे राम तर जाऊ

आ आ आ आ आ आ
थम गया पानी जम गयी काई
थम गया पानी जम गयी काई
बहती नदिया ही साफ़ कहलायी
बहती नदिया ही साफ़ कहलायी
मेरे दिल ने ही जाल फैलाए
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं
अब किधर जाऊं मैं किधर जाऊं