Jo Tum Mere Ho
Anuv Jain
4:12खामखा पन्नों पे, तूने राग जो सजाये थे के लौट ना पाएंगे, तो रच दे लबों को अभी दौड़ते-दौड़ते हम थम गए हाफ़ते-हस्ते ये पल रहे शाम मदहोश और तेरा नूर क्या ये है सुकून? क्या ये है सुकून? तू रू-तू-रू तू-तू-रू तू रू तू-रू रू तू रू तू रू-तू-रू-तू तू रू तू-रू रू रू-रू रेत की लकीरों पे तूने जो हाथ जो फेरे थे कि मिट गई आड़ ये जो दिल ये बनाई थी दौड़ते-दौड़ते हम थम गए हाफ़ते-हस्ते ये पल रहे शाम मदहोश और तेरा नूर क्या ये है सुकून? क्या ये है सुकून? क्या ये है? (सुकून, सुकून, सुकून) सुकून, सुकून, सुकून सुकून, सुकून, सुकून सुकून, सुकून, सुकून सुकून, सुकून, सुकून हैं हम खुश न सही चाहिए कुछ नहीं तम की बेबसी में चैन लाए तू करीब दौड़ते-दौड़ते हम थम गए हाफ़ते-हस्ते ये पल रहे शाम मदहोश और तेरा नूर क्या ये है सुकून? क्या ये है सुकून? ये ही है, सुकून