Gulzar Speaks - Tarkieb

Gulzar Speaks - Tarkieb

Gulzar

Альбом: Marasim
Длительность: 0:47
Год: 1999
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Текст песни

मुझको भी तरकीब सीखा कोई यार जुलाहे
अक्सर तुझको देखा है की ताना बुनते
जब कोई तागा टूट गया
या ख़तम हुआ
फिर से बाँध के और सिरा कोई जोड़ के उसमे
आगे बुनने लगते हो

तेरे इस ताने में लेकिन
इक भी गाँठ गिरह बुनतर की
देख नहीं सकता है कोई
मैंने तो इक बार बुना था एक ही रिश्ता
लेकिन उसकी सारी गिरहें
साफ़ नज़र आती हैं मेरे यार जुलाहे

मुझको भी तरकीब सिखा कोई यार जुलाहे