Hum To Tere Aashiq Hain (Jhankar Beats)
Hero And King Of Jhankar Studio
6:00कहा आपका ये दागा ही सही के हम बेकदर बेवफा ही सही बड़े सौख से जायी ये छोड़ कर मगर सेहने गुलशन से यु तोड़ कर फूल आहिस्ता फेंको फूल आहिस्ता फेंको फूल बड़े नाज़ुक होते हैं फूल आहिस्ता फेंको फूल बड़े नाज़ुक होते हैं वैसे भी तो ये बढ़-क़िसमत नोक पे काँटों की सोते हैं फूल आहिस्ता फेंको(आहिस्ता फेंको) फूल बड़े नाज़ुक होते हैं फूल आहिस्ता फेंको बड़ी खुबसूरत शिकायत है ये बड़ी खुबसूरत शिकायत है ये मगर सोचिये क्या शराफत है ये जो औरों का दिल तोड़ते रहते हैं लगी चोट उनको तो ये कहते हैं तो ये कहते हैं की फूल आहिस्ता आहिस्ता फेंको फूल बड़े नाज़ुक होते हैं जो रुलाते हैं लोगों को एक दिन खुद भी रोते हैं फूल आहिस्ता फेंको किसी शोक को बाग़ की सैर में किसी शोक को बाग़ की सैर में जो लग जाए काँटा कोई पेअर में खफा हुस्न वालों से हो किस लिए ये मासूम है बहकता इस लिए बहकता इस लिए फूल आहिस्ता आहिस्ता फेंको फूल बड़े नाज़ुक होते हैं ये करेंगे कैसे घायल ये तो खुद घायल होते हैं फूल आहिस्ता फेंको गुलों के बड़े आप हमदर्द हैं गुलों के बड़े आप हमदर्द हैं भला क्यों न हो आप भी मर्द हैं हज़ारों सवालों का है इक जवाब फरेब-इ-नज़र ये न हो ऐ जनाब ये न हो ऐ जनाब फूल आहिस्ता (आहिस्ता फेंको) फूल बड़े नाज़ुक होते हैं सब जिसे कहते हैं शबनम फूल के आंसू होते हैं फूल आहिस्ता फेंको फूल बड़े नाज़ुक होते हैं फूल आहिस्ता फेंको