Kaho Na Kaho (From "Murder")
Amir Jamal
5:12आ आ आ माहे रमज़ान को बरकत का महीना कहिए खास अल्लाह की रहमत, की रहमत का महीना कहिए माहे रमज़ान को बरकत का महीना कहिए खास अल्लाह की रहमत, की रहमत का महीना कहिए इस महीने में ही कुरान की तकमील हुई यानी अल्लाह के फरमान की तकमील हुई आ आ आ इम्तिहान सब्र का इस तरह दिया जाता है भूक और प्यास की शिद्दत हो सहा जाता है आ आ आ ख्वाहिशें दिल की जो रोज़े में मिटा देता है ख्वाहिशें दिल की जो रोज़े में मिटा देता है अपने हाथों से खुदा उसको सजा देता है अपने हाथों से खुदा उसको सजा देता है अपने रोज़े की ये बरकत ज़रा आकर देखो एक झलक नजर सु-ए-फलक आंख उठाकर देखो आ आ आ