Yaadein Teri (Feat. Zicr)
Ishaan Kaushik
4:05तेरी बातों को भुला ना सके हम अब रातों को हैं तन्हा बड़े हम इन बाहों को बे-हया कर गये क्यूँ? मेरी सासों को तबाह कर गये क्यूँ? क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ मेरे रास्तों में मंज़िलों में तुम हो हर पहेर की बेखुदी में तुम हो धड़कानों से दस्ताकों से घूम हो क्यूँ? मेरा इक जहाँ है आशियाँ है तुमसे राबता था लापता है तुमसे बेवजह सा लग रहा है तुम बिन यूँ हो तुम जो नही मुकम्मल नही मेरी खुदी जाने क्यू जाने क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ अब ये रातें भी हैं काट ती नही तेरे बिन मेरी सुबह ना कोई क्या तू जानती है कैसे खुदको मैं यूँ खो चुका हूँ खोजता भी खुदको कैसे मैं तो बेवजह हूँ हारा नही मैं तुझको खुदसे खुद में ही खफा हूँ ताले बंद करके दिल की चाबियाँ मैं खो चुका हूँ यादें सब जला दी राख ही तो बाकी है राख में भी तेरी खुश्बू ही क्यूँ आती है रोकता हूँ खुद ही को ना मैं जला डून आख़िरी जो तेरी याद है वो मुझ में ही तो बाकी है सोचता हूँ कैसे घाम मैं ये मिटा डून तेरा चेहरा देखूं फिर से मैं भरम भी ये हटा डून इश्स ज़हेन से मैं भुला डून हर तस्वीर भी हटा डून अब ये राख भी जो बाकी है मैं ाश्क़ों में बहा डून कैसी ये खाला है कैसी ये बीमारी है क्या मेरी ख़ाता जो मुझपे ये खुमारी है सोचता हूँ खुदको कैसे मैं सम्भालूं क्यूकी तू मेरी ख़ाता है और तू ही मेरी बीमारी है क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ