Raanjhanaa
Jaswinder Singh
4:17मौजूद है एहसासों में तेरी आरज़ू मेरी आँखों में खुशबू तेरी है घुल रही शाम-ओ-सहर मेरी साँसों में मौजूद है एहसासों में तेरी आरज़ू मेरी आँखों में मेरे वक़्त के लम्हों में मेरी रूह के सफ़हों में तेरा ही तेरा ज़िक्र है तुझे ढूँढूँ मैं पलछिन तेरे बिन क्या शब, क्या दिन मुझको तेरी ही फ़िक्र है दिल को तेरी आरज़ू ख़्वाबों में भी तू ही तू मौजूद है एहसासों में तेरी आरज़ू मेरी आँखों में सहराओं में, दश्तों में कूचों में, कस्बों में फिरता हूँ मैं यूँ दर-ब-दर गुलशन में, कलियों में राहों में, गलियों में ढूँढे तुझे ही ये नज़र यादों में है तू ही तू ख़्वाबों में भी तू ही तू मौजूद है एहसासों में तेरी आरज़ू मेरी आँखों में खुशबू तेरी है घुल रही शाम-ओ-सहर मेरी साँसों में मौजूद है एहसासों में तेरी आरज़ू मेरी आँखों में