Mon Hariye Beghorey
Mohit Chauhan & Jeet Gannguli
4:31काफ़िर अंधेरे डाले है घेरे दर पे खड़ा है मूह घुमा के रूटा सवेरा लम्हे सफेरे सोने ना धे लगने लगा है कशमा काश का दिल यह बसेरा बदती है जुर्माना मेरी कौन सी कथा वाडा तोड़ने से पहेले इतना तो बता तेरी यादों के शहेर में रफ़्ता रफ़्ता गली गली और कोना कोना फिरता हूँ ला पता ला पता काफ़िर अंधेरे किस्मत ने मौलात भी दी ना मुझे ऐसी थी नाराज़गी अंबार में जाने माना ही क्यूँ मेरी है परवाज़ की मत पड़ने छुआ जो तेरा मेरा रिश्ता मंज़िल मुरजाई उजदा रास्ता तेरी यादों की शहेर में रफ़्ता रफ़्ता गली गली कोना कोना फिरता हूँ ला पता ला पता काफ़िर अंधेरे मृग त्रिशाना जैसा था अपना मिलन लिखा था होना जुड़ा तू भी महज़न इंसान है समझा था मैं ही खुदा ओ एहसास जो पहले नाज़ुक दिल का अब दर्द की तरह जुग था रहता तेरी यादों की शहेर में रफ़्ता रफ़्ता गली गली और कोना कोना फिरता हूँ ला पता तेरी यादों की शहेर में रफ़्ता रफ़्ता गली गली और कोना कोना फिरता हूँ ला पता ला पता काफ़िर अंधेरे