Jal Rahin Hain

Jal Rahin Hain

Kailash Kher & Manoj Muntashir

Альбом: Best Of Prabhas
Длительность: 3:20
Год: 2024
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Текст песни

जल रहीं है चिटा
साँसों में है धुँआ
फिर भी आस मन्न में है जगी
भोर होगी क्या
कभी यहाँ
पूछती यही
ये बेड़िया
देख तोह
कौन है यह

महिष्मती साम्राज्यं
सर्वोत्तम अजेयम
दसो दिशाएं आठेयम
सब इसको करते प्रणाम

खुश हाली वैभवशाली
समृद्धिया निराली
धन्य धन्य है यहाँ प्रजा
शक्ति का यह स्वर्ग था

घन गरज जो कीर्ति की यहाँ
दिग दिगंत में है कहाँ
शीश तोह यहाँ झुका ज़रा
यशश्विनी है यह धरा

माहिष्मती की पताका
सदा यूँही गगन चूमे
अश्व्दो और सूर्य देव मिलके
स्वर्ग सिंहासन विराजे