Koi Haseena (From "Sholay")

Koi Haseena (From "Sholay")

Kishore Kumar

Длительность: 4:01
Год: 1975
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Текст песни

कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है

टेसान से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है

(हट साले)

हाथों में चाबुख, होंठों पे गालियाँ

हाथों में चाबुख, होंठों पे गालियाँ
बड़ी नखरे वालियाँ होती है टांगे वालियाँ

कोई टांगे वाली जब रूठ जाती है तो, है तो, है तो
और नमकीन हो जाती है

कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है

ज़ुल्फो में छैय्या, मुखड़े पे धूप है

हे, ज़ुल्फो में छैय्या, मुखड़े पे धूप है
बड़ा मज़्ज़ेदार गोरिये ये तेरा रंग रूप है

डोर से पतंग जब टूट जाती है तो, है तो, है तो
रुख़ रंगीन हो जाती है

कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेसान से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है, एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है, एक दो तीन हो जाती है