Muqaddar Ka Sikandar

Muqaddar Ka Sikandar

Kishore Kumar

Длительность: 5:19
Год: 1970
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Текст песни

हे हे रोते हुए आते हैं सब
रोते हुए आते हैं सब हंसता हुआ जो जायेगा
वो मुक़द्दर का सिकंदर
वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन केहलाएगा
रोते हुए आते हैं सब हंसता हुआ जो जायेगा

वो सिकंदर क्या था जिसने ज़ुल्म से जीता जहां
वो सिकंदर क्या था जिसने ज़ुल्म से जीता जहां
प्यार से जीते दिलों को वो झुका दे आसमान
जो सितारों पर कहानी प्यार की लिख जायेगा
वो मुक़द्दर का सिकंदर
वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन केहलाएगा
रोते हुए आते हैं सब हंसता हुआ जो जायेगा

ज़िंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी
ज़िंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी
मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जाएगी
मर के जीने की अदा जो दुनिया को सिखलाएगा
वो मुक़द्दर का सिकंदर
वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन केहलाएगा
रोते हुए आते हैं सब हंसता हुआ जो जायेगा

हमने माना ये ज़माना दर्द की जागीर है
हर कदम पे आंसुओं की इक नै ज़ंजीर है
हमने माना ये ज़माना दर्द की जागीर है
हर कदम पे आंसुओं की इक नै ज़ंजीर है
आए दिन पर जो खुशी के गीत गाता जाएगा
वो मुक़द्दर का सिकंदर
वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन केहलाएगा
रोते हुए आते हैं सब हंसता हुआ जो जायेगा
वो मुक़द्दर का सिकंदर
वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन केहलाएगा
जानेमन केहलाएगा
जानेमन केहलाएगा