Musafir Hoon Yaron (Full Version )

Musafir Hoon Yaron (Full Version )

Kishore Kumar

Альбом: Parichay
Длительность: 4:41
Год: 1972
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Текст песни

मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
ह्म्म हम्म हे
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना

एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी
मैं मुडा तो साथ साथ राह मुड गयी
एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी
मैं मुडा तो साथ साथ राह मुड गयी
हवा के परों पर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया

दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना