Musafir Hoon Yaaron Kishore Lofi
Kishore Kumar
4:15हम्म हम्म हम्म रात कली एक ख़ाब में आई और गले का हार हुई रात कली एक ख़ाब में आई और गले का हार हुई सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई रात कली एक ख़ाब में आई और गले का हार हुई चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत चाहे हँसी में उड़ा दो ये क्या हुआ मुझे मुझ को ख़बर नहीं हो सके तुम्हीं बता दो चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत चाहे हँसी में उड़ा दो ये क्या हुआ मुझे मुझ को ख़बर नहीं हो सके तुम्हीं बता दो तुम ने क़दम तो रखा ज़मीं पर सीने में क्यूँ झनकार हुई रात कली एक ख़ाब में आई और गले का हार हुई आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा साँवली सूरत मोहनी मूरत सावन रुत का सवेरा जब से ये मुखड़ा दिल में खिला है दुनिया मेरी गुलज़ार हुई रात कली एक ख़ाब में आई और गले का हार हुई सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई रात कली एक ख़ाब में आई और गले का हार हुई