Mera Pehla Pehla Pyaar
K.K.
4:32दिल खुदगर्ज़ है फ़िसला है ये, फ़िर हाथ से कल उसका रहा, अब है तेरा इस रात से दिल खुदगर्ज़ है फ़िसला है ये, फ़िर हाथ से कल उसका रहा, अब है तेरा इस रात से ओ मेरी जाँ ओ मेरी जाँ (ओ मेरी जाँ) तू आ गया यूँ नज़र में जैसे सुबह दोपहर में मदहोशी यूँ ही नहीं दिल पे छाई नियत ने ली अँगड़ाई छुआ तूने, कुछ इस तरह बदली फ़िज़ा, बदला समां ओ मेरी जाँ ओ मेरी जाँ ओ मेरी जाँ (ओ मेरी जाँ) नाता समझे ना हाँ ये दिल मेरा जानूँ ना, जानूँ ना इसको क्या हुआ मेरी बाहों की फिर से ढूँढे ये पनाह तू है कहाँ, तू है कहाँ ओ मेरी जाँ (ओ मेरी जाँ)