Shaam Bhi Khoob Hai

Shaam Bhi Khoob Hai

Kumar Sanu

Длительность: 5:06
Год: 2002
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Текст песни

शाम भी खूब है
पास मेहबूब है
शाम भी खूब है
पास मेहबूब है
ज़िन्दगी के लिए और क्या चाहिए

शाम भी खूब है
पास मेहबूब है
आशिकी के लिए और क्या चाहिए

शाम भी खूब है
पास मेहबूब है

क्या हसीं है समां धड़कने है जवा
क्या हसीं है समां धड़कने है जवा
दोस्ती के लिए और क्या चाहिए

शाम भी खूब है
पास मेहबूब है

चाँद की चांदनी
आसमान की परी
शायरों के लिए तो है एक शायरी
हाँ देखते ही तुझे
दिल दीवाना हुआ
चाहतों का शुरू एक फ़साना हुआ

रांग है नूर है चैन है ख्वाब है
रांग है नूर है चैन है ख्वाब है
अब ख़ुशी के लिए और क्या चाहिए

शाम भी खूब है
पास मेहबूब है

हुस्न है प्यार है दिल है दिलदार है
हुस्न है प्यार है दिल है दिलदार है

आआआआआआ

बोलती है नज़र चुप है मेरी जुबां
हर किसी की जुड़ा है मेरी दास्तान
न किसी से कभी प्यार मैंने किया
दर्द-इ-दिल न कभी यार मैंने लिया

सांझ है गीत है सुर है संगीत है
सांझ है गीत है सुर है संगीत है
मोसकी के लिए और क्या चाहिए

शाम भी खूब है
पास मेहबूब है
ज़िन्दगी के लिए और क्या चाहिए

शाम भी खूब है
पास मेहबूब है
आशिकी के लिए और क्या चाहिए

आआआआआआआ