Kabhi Hasna Hai Kabhi
Tauseef Akhtar
5:16चाँद-तारे, फूल-शबनम, तुम से अच्छा कौन है चाँद-तारे, फूल-शबनम, तुम से अच्छा कौन है कोई रुत हो, कोई मौसम, तुम से अच्छा कौन है चाँद-तारे, फूल-शबनम, तुम से अच्छा कौन है प्यार से मुखड़े को आ के चूमती है चाँदनी सारी दुनिया में है बिख़री बस तुम्हारी रोशनी ऐसा कोई भी नहीं, हो-हो, मेरी नज़र में हसीं मेरा दिल कहता है, "जानम, तुम से अच्छा कौन है" मेरा दिल कहता है, "जानम, तुम से अच्छा कौन है" जो खुले ज़ुल्फ़ें तुम्हारी दिन में काली रात हो तुम ज़रा आँचल उड़ा दो, धूप में बरसात हो सागर की प्यासी लहर, हो, झूमे तुम्हें देख कर सारी दुनिया, सारा आलम, तुम से अच्छा कौन है सारी दुनिया, सारा आलम, तुम से अच्छा कौन है कोई रुत हो, कोई मौसम, तुम से अच्छा कौन है चाँद-तारे, फूल-शबनम, तुम से अच्छा कौन है हो, तुम से अच्छा कौन है