Mangal Ki Sewa (Aarti Kaali Mata Ki)
Lakhbir Singh Lakkha
8:53कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी भव सागर में गीरा पड़ा हूँ भव सागर में गीरा पड़ा हूँ काम आदि गृह में गीरा पड़ा हूँ काम आदि गृह में गीरा पड़ा हूँ मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा हूँ मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा हूँ हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या ना मुझ ने भक्ति ना मुझ में शक्ति ना मुझ ने भक्ति ना मुझ में शक्ति शरण तुम्हारी आन पड़ा हूँ शरण तुम्हारी आन पड़ा हूँ हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी ना कोई मेरा कुटुम्भ साथी ना कोई मेरा कुटुम्भ साथी ना ही मेरा शरीर साथी ना ही मेरा शरीर साथी आप ही उभारो पकड़ के बाहें आप ही उभारो पकड़ के बाहें हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी चरण कमल की नौका बना कर चरण कमल की नौका बना कर माँ पार कर दो ख़ुशी मना कर माँ पार कर दो ख़ुशी मना कर यम दूतों को मार भगा कर यम दूतों को मार भगा कर हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी सदा ही तेरे गुणों को गाऊं सदा ही तेरे गुणों को गाऊं सदा ही तेरे स्वरूप को ध्याऊं सदा ही तेरे स्वरूप को ध्याऊं नित प्रति मैया तुझको मनाऊ नित प्रति मैया तुझको मनाऊ हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी ना मैं किसी का ना कोई मेरा ना मैं किसी का ना कोई मेरा छाया है चारो ओर अँधेरा छाया है चारो ओर अँधेरा पकड़ के ज्योति दिखा दो रस्ता पकड़ के ज्योति दिखा दो रस्ता हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी शरण पड़े हैं माँ हम तुम्हारी शरण पड़े हैं माँ हम तुम्हारी करदों नैया पार हमारी करदों नैया पार हमारी कैसी यह देरी लगाई माँ दुर्गे कैसी यह देरी लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे हे मात मेरी हे मात मेरी हे मात मेरी हे मात मेरी हे मात मेरी हे मात मेरी