Ajib Dastan Hai Yeh
Lata Mangeshkar
5:16आज तो मेरी हसी उड़ाई जैसे भी चाहे पुकारा आज तो मेरी हसी उड़ाई जैसे भी चाहे पुकारा कल जो मुझे इन गलियों में लाया वो भी था हाथ तुम्हारा आज तो मेरी हसी उड़ाई जैसे भी चाहे पुकारा लुटे यहाँ चमन अंधेरो में बिके यहाँ बदन अंधेरो में लुटे यहाँ चमन अंधेरो में बिके यहाँ बदन अंधेरो में भूली हास् के इस बस्ती में ओ रूप की चाँदी लाज़ है सोने का व्योपार है सारा कल जो मुझे इन गलियों में लाया वो भी था हाथ तुम्हारा आज तो मेरी हसी उड़ाई जैसे भी चाहे पुकारा सोचा कभी मै हु एक इंसा भी मैं ही कभी बहन माँ भी सोचा कभी मै हु एक इंसा भी मैं ही कभी बहन माँ भी तुम तो प्यासी प्यासी आँखे लेके हो करने को आये मेरे लबों पे मेरे लहू का नजारा कल जो मुझे इन गलियों में लाया वो भी था हाथ तुम्हारा आज तो मेरी हसी उड़ाई जैसे भी चाहे पुकारा सबको गुनाहो में मगन देखा देखा सरीफो का चलन देखा सबको गुनाहो में मगन देखा देखा सरीफो का चलन देखा सबकी इनायत हाय देखि मैन हो मेरे ही दिल के टुकड़े हो मेरा मेरा आशिक़ कह के पुकारो कल जो मुझे इन गलियों में लाया वो भी था हाथ तुम्हारा आज तो मेरी हसी उड़ाई जैसे भी चाहे पुकारा