Veriya Ve Kiya Kya Qasoor Maine
Lata Mangeshkar
5:04अरे, लोगों तुम्हें क्या है? या मैं जानूँ, या वो जाने ये क़िस्सा मेरा-उनका है या मैं जानूँ, या वो जाने अरे, लोगों तुम्हें क्या है? तुम्हें क्या है? तुम्हें क्या है? ये क़िस्सा मेरा-उनका है या मैं जानूँ, या वो जाने अरे, लोगों तुम्हें क्या है? या मैं जानूँ, या वो जाने ये क़िस्सा मेरा-उनका है या मैं जानूँ, या वो जाने इधर बिजली चमकती है, उधर मेघा बरसता है अकेले दिल तड़पता है, अकेले दिल तड़पता है या मैं जानूँ, या वो जाने क़दर बुलबुल के गाने की भला सैयाद क्या जाने जो आशिक़ है समझता है, आशिक़ है समझता है या मैं जानूँ, या वो जाने अरे, लोगों तुम्हें क्या है? या मैं जानूँ, या वो जाने ये क़िस्सा मेरा-उनका है या मैं जानूँ, या वो जाने हमारे मरने-जीने का तुम्हें क्यूँ फ़िकर है इतना? हमें किस ओर जाना है, हमें किस ओर जाना है या मैं जानूँ, या वो जाने हमारे हाल पर छोड़ो, अरे, छोड़ो ये हमदर्दी तुम्हारे दिल में क्या-क्या है, तुम्हारे दिल में क्या-क्या है या मैं जानूँ, या वो जाने अरे, लोगों तुम्हें क्या है? या मैं जानूँ, या वो जाने ये क़िस्सा मेरा-उनका है या मैं जानूँ, या वो जाने हमारी अपनी मर्ज़ी है, तुम्हें क्या लेना-देना है? बुरा क्या है? भला क्या है? बुरा क्या है? भला क्या है? या मैं जानूँ, या वो जाने असर है प्यार में इतना, के पत्थर बन गया ईश्वर ये पत्थर में रखा क्या है? पत्थर में रखा क्या है? या मैं जानूँ, या वो जाने अरे, लोगों तुम्हें क्या है? या मैं जानूँ, या वो जाने ये क़िस्सा मेरा-उनका है या मैं जानूँ, या वो जाने